तैनाती के मामले में शासनादेश का हो रहा है खुला उल्लंघन

देहरादून। तैनाती के मामले में शासनादेश का खुला उल्लंघन हो रहा है। शहरी विकास विभाग के अंतर्गत शासन का स्पष्ट आदेश है कि नगर निगमों सहित नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में कार्मिकों को एक पटल पर कार्य के लिए तैनाती पांच वर्ष से अधिक नहीं होनी चााहिए। लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून नगर निगम सहित कई निकायों में स्थिति ये है कि एक ही पटल पर कुछ कर्मचारी एक-एक दशक से जमे हुए हैं। इसका नतीजा ये है कि एक ही पटल पर कार्य करते रहने से वे अपने आपको विषय का ज्यादा ज्ञाता दर्शाते हुए अपने उच्च अफसरों को भी सिखाने जैसी कोशिश करते हुए अपनी सीमाएँ लांघने लगते हैं। साथ ही उनमें दृढ़ता आ जाती है और आगंतुकों से व्यवहार भी अप्रिय होने लगता है। यहां तक कि कुछ कार्मिक सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत मांगी गई जानकारी को देने में भी टालमटोल करते हैं, जिसको लेकर राज्य सूचना आयोग भी नाराजगी जाहिर कर चुका है। ऐसा ही कुछ हाल नगर निगम देहरादून का बताया जा रहा है।

आपको बता दें कि निकायों में एक कर्मचारी एक ही पटल पर पांच वर्ष से अधिक कार्य के संदर्भ में दिनांक 31 अगस्त 2007 को शहरी विकास विभाग के अंतर्गत शासन ने आदेश संख्या 995/IV(1)/2008-01(119)/2007 दिनांक 31.08.2007 को एक शासनादेश जारी किया था। तथा इसके अतिरिक्त निदेशक, शहरी विकास द्वारा पत्र संख्या 2066 / श.वि.नि.-07-विविध-67 (अके.)/2007 दिनांक 15.9.2007 को पत्र भी लिखा था। लेकिन इन पत्रों एवं शासनादेश का कतिपय निगमों और निकायों पर कोई असर नहीं हुआ।

 

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