विमेन ऑफ़ अल्मोडा: इंद्रधनुषी सपनों और साहस की गाथा
 देहरादून। विमेन ऑफ अल्मोडा एक ऐसी फिल्म है जो कुमाऊं की साहसिक पहाड़ी महिलाओं की दिल छू लेने वाली कहानी बुनती है। लोकप्रिय फिल्म निर्माता भरतबाला द्वारा निर्देशित, यह उत्कृष्ट कलाकृति हमें हिमालय की हृदयस्थली से होते हुए एक उल्लेखनीय यात्रा पर ले जाती है और उन महिलाओं की विजयी भावना का जीवंत चित्रण है जो पहाड़ों को अपना घर कहती हैं।
देहरादून। विमेन ऑफ अल्मोडा एक ऐसी फिल्म है जो कुमाऊं की साहसिक पहाड़ी महिलाओं की दिल छू लेने वाली कहानी बुनती है। लोकप्रिय फिल्म निर्माता भरतबाला द्वारा निर्देशित, यह उत्कृष्ट कलाकृति हमें हिमालय की हृदयस्थली से होते हुए एक उल्लेखनीय यात्रा पर ले जाती है और उन महिलाओं की विजयी भावना का जीवंत चित्रण है जो पहाड़ों को अपना घर कहती हैं।
विमेन ऑफ़ अल्मोडा, सात फिल्मों वाली उत्तराखंड श्रृंखला की दूसरी प्रस्तुति है, जो रूरल इंडिया सपोर्टिंग ट्रस्ट (आरआईएसटी) के साथ साझेदारी में एक वर्चुअल भारत प्रोडक्शन है। ये फिल्में उत्तराखंड के विषयों और सांस्कृतिक प्रथाओं पर प्रकाश डालती हैं।
आरआईएसटी की प्रबंध निदेशक श्वेता रावत ने इस बात पर बल दिया कि उनका लक्ष्य “इन खूबसूरत परिदृश्यों का पोषण और संरक्षण करने वाले कई समुदायों पर प्रकाश डालना” था, उन्होंने कहा कि हमें “सशक्त महिलाओं की संस्तुति करनी चाहिए जो सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए साहसपूर्वक एक साथ खड़ी हैं।”
इस श्रृंखला की प्रत्येक फिल्म एक शक्तिशाली मानवीय कहानी है जहां कला और भावनाएं एक ज्वलंत सिनेमाई कैनवास पर एकत्रित होती हैं। विमेन ऑफ़ अल्मोडा, गंगा: डॉटर ऑफ़ द हिमालयाज़ का अनुसरण करती हैं, जिसे दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, और तब से यू ट्यूब पर इसे 1.5 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है।
साहस और सपनों की गाथा
अल्मोडा की पहाड़ी महिलाएं अपने पहाड़ों की ताकत का प्रतीक हैं। कुमाऊं की पहाड़ियों के दुर्गम इलाके में रहते हुए, वे उस अभेद्य प्राकृतिक शक्ति को आत्मसात करती आई हैं जो उन्हें बाहरी दुनिया से अलग करती है, और “पहाड़ी औरत कुछ भी कर सकती है” वाक्यांश को चरितार्थ करती हैं।
ये महिलाएं दुर्लभ संसाधनों और बहुत सीमित सुख-सुविधाओं के साथ अपना घर चलाती हैं, लेकिन उनकी अदम्य भावना उनके साधारण करघों पर लगातार असीमित सपने बुनती रहती है। ट्वीड बनाने की उनकी कला पीढ़ियों से चली आ रही थी, लेकिन समय के साथ लगभग लुप्त हो गई। हालाँकि, अल्मोडा की महिलाओं ने न केवल इस कौशल को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया, बल्कि इसे एक संपन्न वैश्विक उद्यम में भी बदल दिया। उल्लेखनीय है कि उनकी स्मारकीय उपलब्धि, उनके जीवन और स्वभाव की सरलता के बिल्कुल विपरीत है।
गर्मियों के गीत गाते हुए, अपनी भेड़ों को चराते हुए, और अपने करघे पर अपनी जीवन शैली की लय बजाते हुए, उनका लक्ष्य विनम्र रहता है – कोमल उष्णता प्रदान करना। प्रत्येक हस्तनिर्मित शॉल के साथ, हर इंच कपड़े को इतने प्यार से तैयार किया जाता है, मानो प्रत्येक अपरिचित को अपनी करुणा की उष्णता से आच्छादित करना उनके जीवन का लक्ष्य हो।
हिम्मत, सपनों और उज्ज्वल उत्साह से भरपूर, अपने करघों के आसपास काम करने वाली ये महिला उद्यमी, खुद पहाड़ों का एक प्राकृतिक और सुंदर विस्तार प्रतीत होती हैं, मानो प्रकृति ने पहाड़ों और इन महिलाओं को एक-दूसरे के लिए, एक ही भावना से बनाया हो, और ये महिलाएँ, बदले में, गौरवशाली माँ प्रकृति को धन्यवाद देती हुई प्रतीत होती हैं, वे गाते हुए गीत के माध्यम से श्रद्धा अर्पित करती हैं, “ऐ पहाड़ ज़रा हट जा, उस पार भेजूँ संदेशा, भेजूं ख्वाबों से बुना गर्म रेशा रेशा…”
एक मनमोहक यात्रा के लिए तैयार हो जाईये
विमेन ऑफ अल्मोडा पहाड़ी महिलाओं की अजेय भावना, पहाड़ों की ताकत और उनके द्वारा हर धागे से बुने गए सपनों का प्रमाण है। वर्चुअल भारत चैनल पर इस मनोरम यात्रा में हमारे साथ जुड़ें, और अल्मोडा की गर्मजोशी, शक्ति और असीम सपनों का अनुभव करें।
रूरल इंडिया सपोर्टिंग ट्रस्ट (आरआईएसटी) के बारे मेंः
इस ट्रस्ट की स्थापना 2007 में हुई। उसके बाद से ही ट्रस्ट समानता के मूल सिद्धांतों के प्रति पूर्ण रूप से कटिबद्ध है। दृढ़ता से इस बात का पुरजोर समर्थन करता है कि उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं तक पहुँच एक सार्वभौमिक अधिकार है। वह ऐसे भारत की कल्पना करता है, जिसमें शारीरिक औसर मानसिक कल्याण के अवसर सबको समान रूप से मिलें। ट्रस्ट सक्रिय रूप से समान विचारों वाले संगठनों के साथ सहयोग करता है। संगठन का मिशन गरीबी को कम करने के लिए प्रभावशाली साझेदारियां बनाना है। साथ ही वह सामाजिक विषमताओं को हल करने के लिए समर्पित संगठनों को अनुदान देने के प्रयास भी करता है। युवाओं को शामिल करने, शिक्षित और मनोरंजन करने पर विशेष ध्यान देता है। ट्रस्ट का उद्देश्य हाशिए पर रह रहे समुदायों की मानवीय कहानियों को कलात्मक रूप से सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करना है। वह ज्ञान, सशक्तीकरण, आजीविका उन्नयन और महिला सशक्तीकरण के प्रयासों का समर्थन करता है। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी www.ristrust.org पर प्राप्त की जा सकती है।
वर्चुअल भारत के बारे मेंः
वर्चुअल भारत 1000 फिल्मों के निर्माण की यात्रा है। जो भारत की 5,000 साल पुरानी सभ्यता में कला, संस्कृति, वास्तु, संगीत, लोक कथाओं और परंपराओं की अनदेखी, अनकही कहानियों को सिनेमाई कैनवास पर उतारती है। इसका मुख्य उद्देश्य एक ऐसा वृहद् डिजिटल संकलन उपलब्ध करवाने का है जो मानवीय पहलुओं परआधारित होगा। युवाओं के मन मस्तिष्क को समसामयिक, अनुभवों पर आधारित कंटेंट के ज़रिए जोड़ता है, शिक्षित करता है और युवा मस्तिष्कों को मनोरंजन करता है। इस तरह वर्चुअल भारत देश की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा करता है, उसे ऊपर उठाता है और निर्माण करता है। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी www.virtualbharat.com पर प्राप्त की जा सकती है।

 
                                             
                                             
                                             
                                         
                                         
                                        