दिवंगत साथियों की याद मे भावभीनी श्रद्धांजली
डॉ.बी. आर. चौहान
दिल्ली। छुट गये वो संगे साथी जिनकी दोस्ती पे था हमे नाज।
अब सिर्फ यादों मे ही है तस्सबूर उनका ,
लोट कर वापिस आ नहीं सकते चाहे कितनी भी दो आवाज।
कितना मजबूत था रिश्ता उनका आँखों मे थी शर्म लाज।
रोज किसी बहाने हो जाती थी जब उनसे मुलाकत।
कभी रुठ जाते यूँ मनाने लगते ,
ना कोई रस्म थी ना कोई रिवाज।
कुछ अल्फाज मन मे संजोये अपने उन साथियों की याद में एक कार्यक्रम के दौरान
पिकविक रेस्तरां, रोहिणी में सेन्टौर होटल के कर्मचारियों और अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर एक समारोह का आयोजन किया जिसमे “कोरोना काल” व उसके बाद में बिछुड़े साथियों (मृत साथियों) को याद किया गया और उन्हे भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित की गई।
इस काम को निष्ठा पूर्वक अंजाम दिया लंदन, इंग्लैंड से आये हुए सेन्टौर के पूर्व अधिकारी और परोपकारी विश्वजीत जरोदिया और उनकी पत्नी ने. श्री जरोदिया दुखी, असहाय व गरीबों की सहायता के लिए हरदम आगे रहते है. परोपकार करना अब उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. समारोह का कुशलता पूर्वक संचालन श्री अनिल कौरा जी ने किया. श्री वी.के .मल्होत्रा जी ने सभी उपस्थित महानुभावों का समारोह में आने के लिए धन्यवाद किया. इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया से आये आनंद डेगोर जी ने अपने विचार प्रकट किये.राजीव दयाल, नवीन मेहरा, होटल व्यवसायी जोगिंदर सिंह और तरुण मोंगिया जी ने भी होटल व्यवसाय पर अपने अनुभव साझां किये।