आईबीआर के तीसरे कॉन्वोकेशन में कीर्तिमानों का मनाया गया उत्सव
देहरादून। एक चकाचौंध भरे कार्यक्रम में, कॉन्वोकेशन आईबीआरऑफिस का तीसरा संस्करण आयोजित हुआ, जिसने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (आईबीआर) परिसर को एक उल्लासपूर्ण उत्सव में परिवर्तित कर दिया। आईबीआर टीम रिकॉर्ड बनाने वालों की उल्लेखनीय उपलब्धियों का सम्मान करने और जश्न मनाने के लिए पूरे जोश-खरोश से मौजूद रही।
सफल भागीदारों में, गैंतेम शौरी आर्यन, युनय गुप्ता, उरविंदर पाल सिंह, राकेश कुमार चौहान, आदिथ्यन एवी, आरल प्रवीण जाधवर, शिवकांत इंदौरिया भारद्वाज, बुर्जिन तेहमतन इंजीनियर, योद्धा रामकृष्ण, पवन बंसल, मनन सिंह तुली, युग जितेंद्र पंजाबी, हृदय भारद्वाज एस, प्रीति, शिवांश बंसल, डॉ. प्रदीप कुमार भारद्वाज, अंगद भारद्वाज और पंकज जैन शामिल थे।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रधान संपादक, डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी (डॉ. बीआरसी) ने रिकॉर्ड बुक के गर्वीले सफर के बारे में बात की। उन्होंने उपलब्धियां हासिल करने वालों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। आवेदकों ने अपनी सफलता की यात्रा के बारे में जानकारी साझा की। डॉ. बीआरसी ने मेहमानों को जानकारी दी और उन्हें सम्मानित किया। कॉन्वोकेशन@आईबीआरऑफिस ने न केवल कीर्तिमानों का जश्न मनाया, बल्कि यह प्रेरणा का प्रतीक भी बन गया, जिसने प्रत्येक व्यक्ति को अपने चुनिंदा व्यवसाय में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया।
कॉन्वोकेशन ने एक उत्प्रेरक के रूप में काम किया। इसने प्रत्येक प्रतिभागी के भीतर प्रतिभा की लौ जागृत की और उन्हें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने हेतु प्रेरित किया। सफल प्रतिभागियों ने दृढ़ता और समर्पण का उदाहरण पेश करते हुए अपने किस्से साझा किए। मीडिया की उपस्थिति ने सुनिश्चित किया कि इन उपलब्धियों की गुमनाम कहानियां दूर-दूर तक गूंजें, जिससे उनकी स्थानीय व राष्ट्रीय पहचान बने।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की स्थापना 2006 में हुई थी। प्रबंध संपादक सुश्री नीरजा रॉय चौधरी के नेतृत्व में प्रतिभाशाली पेशेवरों की एक टीम रिकॉर्ड्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अथक प्रयास करती है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (2024) का 19वां संस्करण जल्द ही जारी होने वाला है। आईबीआर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से संबद्ध है और इसके डेटाबेस में 50,000 से अधिक प्रविष्टियां दर्ज हैं।