भू-कानून के जरये पहाड़ के अस्तित्त्व को बचाने की आंदोलनकारियो ने छेड़ी मुहीम ….

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देहरादून । लम्बे अरसे के बाद उत्तराखण्ड आंदोलनकारियों ने भू-कानून का बिगुल बजाते हुए एक बार फिर उत्तराखण्ड आंदोलन के उस गुजरे दौर की याद दिला दी है। जिसमे कुछ लोगों ने अपने निजी लाभों की पूर्ति के बाद आंदोलन की दिशा व दशा को बदल कर रख दिया था। आज बहुत वक्त के बाद सरकार व शासन की नीतियों के खिलाफ आंदोलंकारियों के पास अपनी बिखरी हुई ताकतों को फिर से समेटने का वक्त आया है। जिसने पूरे प्रदेश के युवाओ को पहाड़ की जिंदगी व जवानी से रूबुरु कराते हुए उसे फिर से हरा भरा रखने व उसके संरक्षण के प्रति युवाओं को एक संदेश दिया है। भू-कानून के इस महाभियान को अगर सही मायनों में आत्मसात किया गया तो भविष्य मे कुछ बचे हुए पहाड़ के अस्तित्त्व को समाप्त होने से रोका जा सकता है।

उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा सशक्त भू कानून औऱ मूल निवास लागू कराने क़े लिये पूर्व घोषित कार्यक्रम क़े तहत आज सुबह परेड ग्राउण्ड से मुख्यमंत्री आवास कूच हेतु प्रस्थान किया गया। मार्च में शामिल होने क़े लियॆ धीरे धीरे सभी राज्य आंदोलनकारी व विभिन्न संघठनो व संस्थाओं क़े साथ ही कई क्षेत्रीय दलों क़े प्रतिनिधि औऱ युवा छात्र पूर्व सैनिकों क़े लोगो ने पूरे जोश क़े साथ प्रतिभाग किया औऱ नरेन्द्र सिंह नेगी के गाने “उठा जागा उत्तराखंडियों सौं खाणों क वक्त ए गे “…क़े साथ मूल निवास लागू करों …सशक्त भू कानून लागू करों ….
उत्तराखण्ड बचाना हैं सशक्त भू कानून मूल निवास लाना हैं।
मार्च परेड से निकलकर एस्टले हाल से क्वालिटी चौक होते हुये राजपुर रोड़ पर नारे लगाते जोश से लबरेज थे जिसमें ऋषिकेश , आईo डीo पीo एलo , मसूरी विकासनगर , काशीपुर , टिहरी , रामनगर , हल्द्वानी , कोटद्वार , हरिद्वार , रतनपुर , राजीव नगर , दिव्य बिहार , पीताम्बरपुर , तुनवाला से कई लोगो ने उपस्तिथि दर्ज कराई इसमें विशेष रूप से उत्तराखण्ड स्टूडेंट फेडरेशन , देव भूमि युवा संघठन , पहाड़ी स्वाभिमान सेना , उत्तराखण्ड बेरोजगार संगठन , भैरव सेना , उक्रांद , अखिल भारतीय सम्मानता मंच , एन एस यू आई , देहरादून बार एसोशियन पूर्व सैनिक संगठन मुख्य रूप से शामिल हुये।*
राज्य आंदोलनकारी मंच क़े साथ ही सभी संस्था व संगठनों ने कहा कि जो भी प्रदेश क़े अन्दर 1950 से निवास कर रहें हैं चाहे वह किसी भी धर्म जाती का हो उसे उत्तराखण्ड का मूल निवासी का अधिकार मिलना चाहियॆ साथ ही हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू-कानून धारा 371होता तो आज 23 वर्षों बाद भी संघर्ष नहीं करना पड़ता।
आज क़े प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी , पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट , पूर्व राज्य मंत्री धीरेन्द्र प्रताप , सुरेन्द्र कुकरेती , हर्षपति काला , पिछड़े आयोग क़े पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा , वेद प्रकाश शर्मा , कैशव उनियाल , विक्रम भण्डारी , लक्ष्मी चौहान , उर्मिला शर्मा , अवतार सिंह बिष्ट , नरेश भट्ट , महेन्द्र रावत , सुलोचना भट्ट , जोत सिंह बिष्ट , राधा तिवारी , जय प्रकाश उत्तराखण्डी , देवी गोदियाल , नवनीत गुसांई , पुष्पलता सीलमाणा , द्रौपदी रावत , प्रदीप जोशी , कुलदीप कुमार , पृथ्वी सिंह नेगी , रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , विनोद असवाल , प्रदीप डबराल , सत्या पोखरियाल , मुन्नी खंडूड़ी , युद्धवीर सिंह चौहान , सुरेन्द्र रावत , संग्राम पुण्डीर ,संतन रावत , सुमित थापा , आनन्द बहुगुणा , अनुज नौटियाल , आशिष नौटियाल , विक्रम गुसांई , हरी सिंह , सुशील त्यागी , महेन्द्र रावत , जगमोहन मेहंदीरत्ता , उर्मिला शर्मा , सुलोचना भट्ट , दिनेश भण्डारी , विक्रम भण्डारी , ओमवीर सिंह , रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , आशीष नौटियाल , विशम्भर दत्त बौन्ठीयाल , नवनीत गुसांई , मोहित डिमरी , राधा तिवारी , मुन्नी खंडूड़ी ,हरी पैटवाल , सरोजनी थपलियाल , हरीश पन्त , लुसुन टोडरिया , मोहन रावत , अरुणा थपलियाल , नमन चंदोला , जितेंद्र चौहान , सुरेश कुमार , पुष्कर बहुगुणा , मुकेश नारायण शर्मा , सुमित थापा (बंटी) , मोहन भण्डारी , हरी सिंह मेहर , मनोज नौटियाल , आशीष बिष्ट , विनोद असवाल , वीर सिंह रावत , सुभागा फर्स्वाण , सुदेश सिंह , हरिओम शर्मा , राजेश्वरी रावत , देवेश्वरी रावत , सुरेन्द्र रावत , प्रभात डंडीरियाल , चन्द्र किरण राणा , सुलोचना गुसांई रेनू नेगी , प्रेम सिंह नेगी यश शर्मा भट्ट यशवीर आर्य संगीता रावत तारा पाण्डे खत्री रामपाल महेन्द्र नेगी अनूप बिष्ट आदि हैं।

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