कला-साहित्य जगत के विभिन्न पहलुओ से रूबरू कराएगा : वैली ऑफ वर्ड्स 

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  1. लिटरेचर एंड आर्ट्स फेस्टिवल में लोगो ने सांझा किये अपने सझाव

देहरादून। देश मे अपनी संस्कृति व वैचारिक सोच के जरिये आपसी तालमेल बनाये रखने के तरीके अब और आसान होते जा रहे। बातचीत व अपने सुझाव को देश के किसी भी कोने में आसानी से लोगो तक पहुंचाने  व कला साहित्य जगत से जुड़े विभिन्न पहलुओ से लोगो को रूबरू कराने का एक डिजिटल माध्यम वैली ऑफ वर्ड्स (VOW) एक खुला मंच बनाया है। जिसको लेकर इंडियाज फसर्ट -ऑफ द किंड इमर्सिफ फिजिटल लिटररी एक्सपीरियंस, 20 से 22 नवम्बरके दौरान आयोजित की जाएगी।
इस आशय की जानकारी ब्रस्पतिवार को मसूरी में हुई वर्चुवल प्रेस कॉन्फ्रेन्स के दौरान विजक्राफ्ट इंटरनेशनल एंटरटेनमेंट प्रा. के निदेशक सब्बास जोजेफ ने दी।
उन्होंने कहा कि भारत की पहली तरह के इमर्सिव लिटरेचर एंड आर्ट्स फेस्टिवल के अनुभव को लाने के लिए हमें वैली ऑफ वर्ड्स के साथ साझेदारी करने पर बहुत गर्व है। विजक्राफ्ट ने हमेशा मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास किया है, विशेषकर जब प्रौद्योगिकी, रचनात्मकता और अनुभवों की बात आती है तो नई ऊंचाइयों को प्राप्त करता है। हमारी दृष्टि “मसूरी से दुनिया तक” है और वैली ऑफ वर्ड्स के डिजिटल अनुभव भागीदार के रूप में, हम आपके लिए लाए हैं ए सेलिब्रेशन ऑफ़ द वर्ड, एक खुली पहुंच के साथ एक बढ़ाया अनुभव का एक परिपूर्ण समामेलन, पारस्परिक, बहुभाषी और बहु- शैली उत्सव – एक वैश्विक दर्शकों के लिए शब्द समारोह की घाटी से भारतीय साहित्य और कला के सर्वश्रेष्ठ जो अपने घरों के आराम में इसका आनंद ले सकते हैं।
(VOW) डिजिटल माध्यम लोगो के जीवन पर कैसा बदलाव ला सकता है इस बारे में, अपने सुझाव व अनुभव सांझा करते हुए आयोजित हो रहे फेस्टिवल के मानद क्यूरेटर, डॉ. संजीव चोपड़ा ने न केवल महामारी से निबटने पर जोर दिया बल्कि लोगो को औऱ अधिक जागरुक रहने को कहा। वर्चुवल मीट को सामान्य लोगो का मंच बताते हुए इसे राज्य के विकास में बेहतर विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि आज के बदलते परिवेश में इस तरह के कार्यक्रम होते रहना चाहिए । इस वैचारिक मंथन से रोजगार व व्यवसाय के नए आयाम स्थापित होँगे और राज्य के विकास को बढावा मिलेगा।

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