गरीब महिला समूह बनाकर परिवारों की आर्थिक दशा सुधारने की मुहिम

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देहरादून । राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार योजना डे-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत सरकार प्रत्येक गांव में गरीब महिलाओं के समूह बनाकर उन परिवारों की आर्थिक दशा में सुधार करना चाहती है। जिससे प्रत्येक परिवार की महिला स्वयं में आर्थिक रूप से मजबूत हो, तथा अपने परिवार को भी मजबूत बना सकें। इसी उद्देश्य से सहसपुर विकासखण्ड अन्तर्गत 10 महिलाओं ने मिलकर दुर्गा शक्ति स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया।
समूह की महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानी बताते हुए कहा कि उनके मौहल्ले में 9 महिलाओं से बात कर महिला समूह का गठन करने को कहा। इसके बाद मोहल्ले में महिलाओं से समूह के विषय में बात की, लेकिन महिलाओं ने समूह गठन के लिए स्पष्ट रूप से मना कर दिया। क्योंकि इस मोहल्ले में अधिकांश आबादी मुस्लिम तथा अनुसूचित जाति के परिवारों की है। जो ऐसे कामों को करना मुसीबत वाला या परेशानी वाला काम समझते हैं। क्योंकि ये महिलाएं कभी अपने घर से बाहर नहीं निकलना चाहती थी। लाख प्रयास करने के बाद महिलाओं को कुछ भी समझ में नहीं आया, और इस तरह से 1 माह बीत गया। इसके बाद ब्लाक से सी०आर०पी० को सारी समस्या बताई. फिर सी०आर०पी० ने अगले दिन अपने घर पर शाम 5 बजे मोहल्ले की महिलाओं को बुलाने की जिम्मेदारी दी। फिर अगले दिन मेरे घर पर लगभग 25 से 30 महिलाऐं आई तब सी०आर०पी० के साथ तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी, तत्कालीन सहायक खण्ड विकास अधिकारी तथा ग्राम विकास अधिकारी आये और इन लोगों ने महिलाओं को सरकार की योजनाओं के विषय में जानकारी दी, और महिलाओं को अपनी छोटी-छोटी बचत का महत्व बताया। तब जाकर 10 महिलायें समूह में जुड़ने के लिए तैयार हो गई। इस समूह को बनाने में बहुत परेशानियाँ हुई। लेकिन विकासखण्ड की टीम और सी०आर०पी० के सहयोग से समूह का गठन किया गया। सभी के प्रयासों से हमारे समूह की प्रत्येक महिला संयुक्त कार्यों के साथ-साथ अपन व्यक्तिगत काम कर रही है। तथा समूह में प्रत्येक महिला 48 हजार से 1 लाख 20 हजार प्रतिवर्ष मुनाफा कमा रही है। समूह द्वारा सब्जी उत्पादन, डेरी, खाद्य पदार्थ सप्लाई, कागज के लिफाफे बनाना, बकरी पालन, प्रोविजन स्टोर, बिलिंग मटिरियल डुलान, ऑटो मोबाइल स्पयेर पार्ट आदि में कार्य किया जा रहा है। समूहों का कुल वार्षिक टर्नओवर 1 करोड़ 11 लाख 13 हजार 425 है।
आज दुर्गाशक्ति स्वयं सहायता समूह की प्रत्येक महिला अपने आप में आर्थिक रूप से सक्षम है। हमारा समूह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा विकासखण्ड क टीम की सदा आभारी रहेगा। जिन्होंने हमे आज स्वालम्बी बनाया है।

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