धार्मिक अंताक्ष

धार्मिक अंताक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया

देहरादून । संस्कार प्रणेता ज्ञानयोगी जीवन आशा हॉस्पिटल प्रेरणा स्रोत उत्तराखंड के राजकीय अतिथि आचार्य श्री 108 सौरभ सागर जी महामुनिराज के मंगल सानिध्य में दसलक्षण पर्व का उत्तम आकिंचन्य धर्म पर भगवान की पूजा अर्चना की गयी।
पूज्य आचार्य श्री ने प्रवचन करते हुए कहा कि भेदज्ञान के बल से सर्वत्र ममत्व का त्याग करके चैतन्यभावना में रत हुए मुनिराज, बिना संकोच अन्य मुनिराजों को भी शास्त्र के गहन रहस्यों का ज्ञान प्रदान करते हैं। सिंह आकर शरीर को खा जाए तो भी देह के प्रति ममत्व नहीं करते। भरत चक्रवर्ती जैसे भी क्षणमात्र में छह खण्ड का वैभव छोड़कर ऐसी अकिञ्चन भावनारूप परिणमित हुए थे कि ज्ञानस्वभाव के अतिरिक्त अन्य कुछ भी मेरा नहीं है। इस प्रकार देहादि परद्रव्यों और समस्त रागादि परभावों में ममत्व का परित्याग करके जो अकिञ्चनभाव में तत्पर हैं, उन उत्तम अकिञ्चन्यधर्म के धारक मुनिवरों को नमस्कार हो। संध्याकालीन बेला में आदिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर समिति माजरा द्वारा धार्मिक अंताक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सभी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया

You may have missed