मिली खाक में मोहब्बत जला दिल का आशियाना…..

कुलसचिव की हठधर्मिता के चलते दर-बदर की ठोकर खा रहे अशोक कुमार बोहते को नहीं मिली राहत….

 

देहरादून। कहते है कोई भी दायित्व या पद हो उसकी गरिमा को बरकरार रखना हर व्यक्ति का कर्तव्य होता है चाहे वो अफसर हो या कर्मचारी सब का अपना दायरा व अपनी सीमा निर्धारित है। परंतु आमतौर से ये देखने को मिला है कि कुछ लोग अपने पद व दायित्व का गलत दुरुपयोग कर विभागीय अनियमिताओं को बढ़ावा देते हैं जिसके फलस्वरूप सरकारी महकमों में आए दिन हंगामे व हड़तालों की नौबत आ आती है।

कुछ ऐसा ही मामला आयुर्वेदिक हर्रावाला विश्वविद्यालय में देखने को मिला है जिससे वहां पर जनाक्रोश पनप गया है।

बताया जाता है कि अपनी जिद को लेकर आयुर्वेदिक हर्रावाला विश्वविद्यालय के कुल सचिव द्वारा विभाग के वाहन चालक अशोक कुमार बोहते को बिना कारण बताओ नोटिस के चलते सेवा मुक्त कर दिया गया।
जबकि संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सभी ने उनके इस निर्णय को गैर जिम्मेदाराना मान रहे है और सभी ने वाहन चालक अशोक कुमार बोहते को पुनः सेवा में लाने की अपील की है परंतु आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुल सचिव राम शरण शर्मा नियम कानून को ताक पे रखकर अपनी हठधर्मिता पे अड़े हुए है।

विभागीय अनियमितताओं के चलते हर्रावाला आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के उपनल कर्मचारी के विषय में उपनल एवं पीआरडी के उपनल कर्मचारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोयल एवं प्रदेश महामंत्री विनय प्रसाद द्वारा उपनल कर्मचारी पर हो रहे शोषण के विषय में उनके संज्ञान में राज्य मंत्री भगवत प्रसाद मकवाना द्वारा कुलसचिव आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय को तलब किया था व्यस्तता के कारण उन्होंने अपने प्रतिनिधि के रूप में अनुप कुमार डिमरी प्रसाशनिक अधिकारी सुमित कुमार वरिष्ठ सहायक राज्य सफ़ाई कर्मचारी अयोग के समक्ष दोनो उपस्थित हुए दोनो ने अध्यक्ष के सामने
स्वीकार किया कि अशोक कुमार वाहन चालक का कुलसचिव के द्वारा उत्पीडन किया जा रहा है। एक वर्ष से  पीड़ित व्यक्ति अशोक कुमार बोहते का कहना है कि उनके इस प्रकरण पर न्यायलय द्वारा पुनः नियुक्ति दिए जाने के आदेश को भी कुलसचिव ने मानने से इनकार कर दिया है। उसके बावजूद कुल सचिव द्वारा अन्य कर्मचारी जिनमें सुरक्षा गार्डों को पुनः नियुक्ति कर दिया गया। जबकि अशोक कुमार बोहते को वापस लिए जाने के सभी आदेशों पर पानी फेर दिया।